#जोहार_आदिवासियत
यह सिर्फ एक तस्वीर नहीं बल्कि सख्त चट्टानों पर एक सुंदर कविता की तरह है जो अपने पुरखों, मिथकों, गाथाओं और विरासत को थामें परंपरा का गौरव गा रही हैं... आधुनिकता के बीच सांसें भरती एक इच्छाशक्ति, जो अपने परिवेश और प्रकृति के प्रति वफादारी का सबक दे रही है... #जोहार_आदिवासियत

69
150
0
0