सुनसान राहों से संभलकर गुजरना चाहिए,इश्क हो या दुश्मनी बेखौफ करना चाहिए।चीरहरण हो जिस सभा में पापियों के,सभा के हर सख्श को बेमौत मरना चाहिए।यदि छल का आशय धर्म है तो क्या हुआ.